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DISCUSSION ON ERADICATING THE DRUG MENACE IN ARUNACHAL

Start Date: 14-06-2023
End Date: 31-10-2024

Substance abuse has been a persistent issue in Arunachal Pradesh, severely affecting the potential of the state, especially the youths. However, GoAP is actively taking measures to ...

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Substance abuse has been a persistent issue in Arunachal Pradesh, severely affecting the potential of the state, especially the youths. However, GoAP is actively taking measures to combat addiction and create a positive change for the youth.

To heighten awareness and educate the public on the dangers of drug use, the state government established the ‘Arunachal Against Substance’ campaign. The initiative aims to assist the families of addicts and offer them support while encouraging drug users to seek help from rehab facilities. The program will provide a safe and healthy environment for individuals to turn their life around and enable them to begin with a clean slate. It offers vital resources such as helplines, online counselling, and testimonials from people who have overcome addiction.

There are also NGOs and non-governmental organizations working tirelessly to promote awareness around drug abuse throughout the whole state. The Indian Army has played a significant role in this cause by organizing youth-targeted awareness campaigns and engaging them in various sports activities. Women initiatives such as WASE are increasing awareness and advocating against drug abuse among young people, with the entire female population of Arunachal Pradesh supporting the idea of a drug-free state.

Through their determination and persistence, the state is moving in the right direction towards a drug-free future. We invite citizens to share their thoughts on the impact created through these ongoing campaigns at ground level. What other measures should be taken by GoAP to eradicate substance abuse from its roots?

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355 Record(s) Found

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

दवाओं की रोकथाम के लिए कौन सा सरकारी विभाग जिम्मेदार है?
नशीली दवाओं के दुरुपयोग के नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कोष | राजस्व विभाग | वित्त मंत्रालय | भारत सरकार।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशा कैसे छुड़ाएं घरेलू उपाय?
1.5-10 ग्राम अदरक को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें
2.अब इसमें सेंधा नमक मिला लें
3.नींबू का एक चम्मच रस मिलाकर अदरक को सूखने के लिए धूप में रख दें
4.सूख जाने के बाद यह अदरक नशा छुड़ाने का उत्तम घरेलू उपाय है
5.अदरक के टुकड़ों को हमेशा अपने पास रखें, जब भी नशे का मन हो एक टुकड़ा मुंह में लेकर उसे चूसें

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम और नियंत्रण क्या है?
मादक द्रव्यों के सेवन की रोकथाम, जिसे नशीली दवाओं के दुरुपयोग की रोकथाम के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी प्रक्रिया है जो मादक पदार्थों के उपयोग की शुरुआत को रोकने या मनो-सक्रिय पदार्थों के उपयोग से जुड़ी समस्याओं के विकास को सीमित करने का प्रयास करती है। रोकथाम के प्रयास व्यक्ति या उनके परिवेश पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशीले पदार्थों पर प्रतिबंध लगाने के लिए सरकार को क्या करना चाहिए?
देश में मादक/नशीले पदार्थों की समस्या पर अंकुश लगाने के लिये पुलिस अधिकारियों और आबकारी विभाग तथा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) की और से सख्त कार्रवाई किये जाने की आवश्यकता है। नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटेंस एक्ट 1985 को और अधिक सख्ती से लागू किया जाना चाहिये।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशीली दवाओं का दुरुपयोग क्या है इसे दुरुपयोग क्यों कहा जाता है?
नशीली दवाओं के सेवन से केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) प्रभावित होता है, जिससे मनोवृत्ति, जागरूकता के स्तरों या अवबोधन एवं संवेदनाओं में परिवर्तन उत्पन्न होते हैं। इनमें से अधिकांश औषधियां सीएनएस के अतिरिक्त अन्य व्यवस्थाओं में भी परिवर्तन ला सकते हैं। इनमें से कुछ का अक्सर दुरुपयोग किया जा रहा माना जाता है।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशीली दवाओं के दुरुपयोग को कैसे प्रबंधित किया जा सकता है?
नशीली दवा संबंधी समस्याओं को नियंत्रित करने में मदद के लिये एक अनुकूल कानूनी और नीतिगत वातावरण का निर्माण करने की आवश्यकता है। यह महत्त्वपूर्ण है कि कानूनों और नीतियों का उद्देश्य मादक द्रव्यों के सेवन से प्रभावित लोगों को आपराधिक न्याय प्रणाली के अधीन करने के बजाय स्वास्थ्य और कल्याण सेवाएँ प्रदान की जाए।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

दिमाग को कौन सी लत लगती है?
ड्रग्स या अल्कोहल आपके मस्तिष्क में खुशी/इनाम सर्किट को हाइजैक कर सकते हैं और आपको अधिक से अधिक चाहने के लिए बाध्य कर सकते हैं। व्यसन आपके भावनात्मक खतरे-संवेदी सर्किट को ओवरड्राइव में भी भेज सकता है, जब आप ड्रग्स या अल्कोहल का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तो आप चिंतित और तनावग्रस्त महसूस करते हैं।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

क्या नशा करना सही है?
नशा करना बिल्कुल भी जरूरी नहीं है नशा करने से बहुत ही ज्यादा हानि होती है मानसिक रूप से और शारीरिक रूप से दोनों तरह से हानि होती है। शील संतोष विवेक क्षमा दया शांति आदि नष्ट हो जाते हैं शारीरिक रूप से इंसान अनेक बीमारियों से ग्रसित हो जाता है। नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

किशोर ड्रग लेना क्यों शुरू करते हैं और इसे कैसे बचा जा सकता है?
युवकों में यह भी प्रचलन है कि धूम्रपान, ऐल्कोहॉल, ड्रग्स आदि का प्रयोग व्यक्ति की प्रगति का सूचक है। सामाजिक एकाकीपन, कामवासना में वृद्धि का अनुभव, जीवन के प्रति नीरसता, मानसिक क्षमता में वृद्धि की मिथ्या धारणा, क्षणिक स्वर्गिक आनंद की अभिलाषा व कुसंगति का प्रभाव नवयुवकों को इन पदार्थों के प्रति आकर्षित करता है।

BrahmDevYadav 2 years 2 weeks ago

नशा करने से दिमाग पर क्या असर पड़ता है?
काम या पढ़ाई का लॉस: नशे की लत से जूझ रहे व्यक्ति का सबसे ज्यादा ध्यान नशा करने पर ही होता है। ऐसे में अगर छात्र इससे जूझ रहा हैं, तो उनकी पढ़ाई प्रभावित होगी और कोई काम करने वाला लत का शिकार है, तो उनकी प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ेगा। नशे पर खर्च बढ़ना: लत की तरफ जा रहे लोग जरूरत से ज्यादा पैसा नशे पर खर्च करने लगते हैं।